जय परशुराम

राष्ट्रीय सर्व ब्राह्मण समाज

ब्राह्मण, मूलत: हिन्दू वर्ण व्‍यवस्‍था का एक वर्ण है। यास्क मुनि के निरुक्त के अनुसार, ब्रह्म जानाति ब्राह्मणः अर्थात् ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म (अंतिम सत्य, ईश्वर या परम ज्ञान) को जानता है। अतः ब्राह्मण का अर्थ है "ईश्वर का ज्ञाता"।यद्यपि भारतीय जनसंख्या में ब्राह्मणों का दस प्रतिशत है तथापि धर्म, संस्कृति, कला तथा शिक्षा के क्षेत्र में देश की आजादी और भारत राजनीति में महान योगदान रहता आया है। उत्तर प्रदेश=14%, बिहार=7%, उत्तराखंड=25%, हिमाचल प्रदेश=18%, मध्यप्रदेश=6% , राजस्थान=15.5%, हरियाणा=10%, पंजाब=7%, जम्मू कश्मीर=12%, झारखंड= 5%, दिल्ली=15% और देश कि लगभग=10% पांचाल ब्राह्मण ।

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राष्ट्रीय सर्व ब्राह्मण समाज

इतिहास

ब्राह्मण समाज का इतिहास भारत के वैदिक धर्म से आरम्भ होता है। वास्तव में ब्राह्मण कोई जाति विशेष ना होकर एक वर्ण है, दक्षिण भारत में द्रविड़ ब्राह्मण को ही कहा जाता है| भारत का मुख्य आधार ही ब्राह्मणों से शुरू होता है। ब्राह्मण नरम व्यवहार के होते हैं| ब्राह्मण व्यवहार का मुख्य स्रोत वेद हैं। ब्राह्मण समय के अनुसार अपने आप को बदलने में सक्षम होते हैं । ब्राह्मणों का भारत की आज़ादी में भी बहुत योगदान रहा है जो इतिहास में गढ़ा गया है। ब्राह्मणों के सभी सम्प्रदाय वेदों से प्रेरणा लेते हैं। पारम्परिक तौर पर यह विश्वास है कि वेद अपौरुषेय (किसी मानव/देवता ने नहीं लिखे) तथा अनादि हैं, बल्कि अनादि सत्य का प्राकट्य हैं जिनकी वैधता शाश्वत है। वेदों को श्रुति माना जाता हैं (श्रवण हेतु, जो मौखिक परम्परा का द्योतक है)।धार्मिक व सांस्कृतिक रीतियों एवं व्यवहार में विवधताओं के कारण और विभिन्न वैदिक विद्यालयों के उनके सम्बन्ध के चलते, आचार्य ही ब्राह्मण हैं। सूत्र काल में प्रतिष्ठित विद्वानों के नेतृत्व में, एक ही वेद की विभिन्न नामों की पृथक-पृथक शाखाएँ बनने लगीं। इन प्रतिष्ठित ऋषियों की शिक्षाओं को सूत्र कहा जाता है। प्रत्येक वेद का अपना सूत्र है। सामाजिक, नैतिक तथा शास्त्रानुकूल नियमों वाले सूत्रों को धर्म सूत्र कहते हैं, आनुष्ठानिक वालों को श्रौत सूत्र तथा घरेलू विधिशास्त्रों की व्याख्या करने वालों को गृह्यसूत्र कहा जाता है। सूत्र सामान्यतः पद्य या मिश्रित गद्य-पद्य में लिखे हुए हैं।ब्राह्मण शास्त्रज्ञों में प्रमुख हैं आंगिरस, आपस्तम्भ, अत्रि, बृहस्पति, बौधायन, दक्ष, गौतम, वत्स, हारीत, कात्यायन, लिखित, पाराशर, संवर्त, शंख, शातातप, ऊषानस, वशिष्ठ, विष्णु, व्यास, याज्ञवल्क्य तथा यम। ये इक्कीस ऋषि स्मृतियों के रचयिता थे। स्मृतियों में सबसे प्राचीन हैं आपस्तम्भ, बौधायन, गौतम तथा वशिष्ठ।

ब्राह्मण निर्धारण - जन्म या कर्म से

ब्राह्मण का निर्धारण माता-पिता की जाती के आधार पर ही होने लगा है। स्कन्दपुराण में षोडशोपचार पूजन के अन्तर्गत अष्टम उपचार में ब्रह्मा द्वारा नारद को यज्ञोपवीत के आध्यात्मिक अर्थ में बताया गया है,जन्मना ब्राह्मणो ज्ञेयः संस्कारै द्विज उच्यते।विद्यया याति विप्रः श्रोतिरस्त्रिभिरेवच।।अतः आध्यात्मिक दृष्टि से यज्ञोपवीत के बिना जन्म से ब्राह्मण भी शुद्र के समान ही होता है।

ब्राह्मणों की श्रेणियाँ

ब्राह्मणों को सम्पूर्ण भारतवर्ष में विभिन्न उपनामों से जाना जाता है, जैसे पूर्वी उत्तर प्रदेश में दीक्षित, शुक्ल, गोस्वामी,द्विवेदी त्रिवेदी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में जोशी, त्यागी , जोशी उप्रेती त्रिवेदी, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान के कुछ भागों में जोशी,त्रिवेदी भार्गव, डाकोत खाण्डल विप्र, ऋषीश्वर,मैथिल ब्राह्मण, वशिष्ठ, कौशिक, भारद्वाज, सनाढ्य ब्राह्मण, राय ब्राह्मण, अवध (मध्य उत्तर प्रदेश) तथा मध्यप्रदेश के बुन्देलखण्ड से निकले जिझौतिया ब्राह्मण,रम पाल, राजस्थान, मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों मेंगोस्वामी,बैरागी वैष्णव ब्राह्मण, बाजपेयी, बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश ,बंगाल व नेपाल में भूमिहार, जम्मू कश्मीर, पंजाब व हरियाणा के कुछ भागों में महियाल, मध्य प्रदेश व राजस्थान में गालव, गुजरात में श्रीखण्ड,भातखण्डे अनाविल, महाराष्ट्र के महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण, मुख्य रूप से देशस्थ, कोंकणस्थ , दैवदन्या, देवरुखे और करहाड़े है. ब्राह्मण में चितपावन एवं कार्वे, कर्नाटक में निषाद अयंगर एवं हेगडे, केरल में नम्बूदरीपाद, तमिलनाडु में अयंगर एवं अय्यर, आन्ध्र प्रदेश में नियोगी एवं राव, ओड़िशा में दास एवं मिश्र आदि तथा राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बिहार में शाकद्वीपीय (मग)कहीं उत्तर प्रदेश में जोशी जाति भी पायी जाती है। [1] आदि।

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Agenda

14:00

Welcome and Introduction

14:15

Hire slow, fire fast

This is an old concept in business that you should hire slow and fire quickly. It means that you should take your time when bringing someone into your organization. On the flip-side, if it's not working out, let the person go without delay. 

Panel discusion: Calvin Howards & Richard Alonderbridge  

Evaluating leaders: what is a good leader and how do we know it?

Effective leaders inspire and empower their team members to become the best they can be, as well as achieve common goals. But how do you define a good leader? What are their universal traits and skills that ensure their success?

Panel discusion: Nicolle Zagrebbing  & Robert Clarisson

15:00

Unconference topics brainstorm

Think of topics that you want to learn more about and let us know.

15:15

Voting on topics to choose the top 3-5

15:25

Break

15:35

Smaller group discussions

16:05

Break

16:10

Groups share their summaries

The topic owner of the group presents the main outcomes of their group discussion. 

16:40

End of Heroes United Unconference

Discuss the results and the overall takeaways of this event. Agree on who will own the next Heroes United event. 

समाज के पदाधिकारी से चर्चा करने हेतू

www.sarvbrahmansamaj.com